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कटघोरा (सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) हिमांशु डिक्सेना : – सरकार की मंशा गांव-गांव गली-गली बिक रहे अवैध शराब पर रोक लगाने की है जिसके लिए शराब की ठेका नीति को बदल दिया गया लेकिन व्यवस्था बदलने के बाद भी कुछ खास सफलता नहीं मिली है। आबकारी अमला और उसके मुखबिर लगभग सुस्त हो चुके हैं।आबकारी अमले की नाक के नीचे ही जहां देशी और विदेशी शराब अवैध रूप से बिक रही है वहीं कच्ची महुआ शराब बिक्री की रोकथाम के लिए भी आबकारी अमला कोई खास कार्यवाही नहीं करता। मूल रूप से आबकारी विभाग को ही इस पर नकेल कसनी है और धर-पकड़ भी करनी है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी भी पुलिस महकमे पर कहीं न कहीं लदी हुई है। अपराधों पर नियंत्रण, अपराधों की विवेचना और अपराधियों की धर-पकड़ के साथ-साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने के अपने मूल कार्य के साथ-साथ आबकारी अमले का भी काम पुलिस को ही करना पड़ रहा है। शराब ही नहीं बल्कि नशे के और भी सामान जिले में खप रहे हैं किंतु आबकारी अमला मौन है।
कटघोरा थाना क्षेत्र के वार्ड क्र. 7 छुरी बिंझवारपारा में थाना प्रभारी अविनाश सिंह ने थाना स्टाफ़ व महिला बल के साथ दबिश दी। यहां सोहनलाल बिंझवार पिता फागूलाल 50 वर्ष, श्रीमती नीता बाई पति गोविंद 45 वर्ष, श्रीमती रामबाई बिंझवार पति स्व. बुधराम 50 वर्ष के पास से डालडा के 15-15 लीटर क्षमता वाले कुल 5 जेरीकेनों में भरा 75 लीटर महुआ शराब जब्त किया गया। इन तीनों ने खुद को आदिवासी वर्ग का होना व छूट मिलना बताया। आदिवासी वर्ग के संबंध में जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने कहा गया जो ये बता नहीं सके।
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