कांकेर(सेंट्रल छत्तीसगढ़) : ऑनलाइन गेम्स (online games) इन दिनों बच्चों के सिर चढ़ चुका है. घंटों बच्चे इन गेम्स में समय बिता रहे हैं. कोरोना की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद हैं. बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से ज्यादा से ज्यादा समय फोन और कंप्यूटर पर बिता रहे हैं. इसका खामियाजा परिजनों को उठाना पड़ रहा है. पखांजूर (pakhanjoor) में एक शिक्षिका के खाते से 3 लाख 22 हजार रुपये की राशि निकाल ली गई. महिला ने ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत जब पुलिस से की, तो जांच में चौंकाने वाली बात सामने आई. जांच में जो बात सामने आई, उसे सुनकर महिला के होश उड़ गए. दरअसल महिला के 12 साल के बेटे ने ही पूरी रकम ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान खर्च कर दी थी.
पखांजूर टीआई
पखांजूर (pakhanjoor) की शिक्षिका शुभ्रा पाल ने पुलिस से शिकायत की थी कि मार्च से लेकर जून तक 278 ट्रांजैक्शन कर 3 लाख 22 हजार रुपए की राशि किसी ने निकाल ली है. ऑनलाइन फ्रॉड की आशंका जताते हुए महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने जांच शुरू कर दी. जांच में ये पाया गया कि पीड़िता का 12 साल का बेटा ऑनलाइन गेम खेला करता था. गेम अपग्रेड करने के लिए उसने 278 बार ट्रांजैक्शन किया था. बेटे से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने बताया कि बच्चा गेम का आदी हो चुका था और गेमिंग हथियार खरीदने के लिए लगातार पैसे खर्च कर रहा था.
थाना प्रभारी शरद दुबे ने बताया कि इस तरह का ये पहला मामला सामने आया है. इलाके के कई बच्चे इस गेम के आदी हैं. गेम अपग्रेड करने के लिए बच्चे अपनी पॉकेट मनी खर्च कर रहे हैं. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन नहीं होने पर किसी दोस्त के जरिए ट्रांजेक्शन करवा रहे हैं.
साइबर एक्सपर्ट बिराज मंडल ने बताया कि कैसे बच्चे फ्री फायर गेम के चक्कर में फंसते जा रहे हैं. गेम में एक बार UPI आईडी डालने से वह हमेशा के लिए सेव हो जाता है. गेम अपग्रेड करने के साथ ही रुपये कटने लगते है, जिसका कोई भी नोटिफिकेशन नहीं आता है.
साइबर एक्सपर्ट
पब्जी बैन होने के बाद फ्री फायर खेल रहे हैं बच्चे
कई घटनाओं के बाद पब्जी गेम को भारत सरकार ने देश में बैन कर दिया है. पब्जी के बैन होने के बाद अब बच्चे एक और बैटल रॉयल गेम, फ्री फायर जैसे गेम्स पर हाथ आजमा रहे हैं. इसके अलावा कई अन्य गेम्स भी शामिल हैं.