आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को बताया कि इस साल फरवरी में कोविड-19 की शुरुआत तक, आरबीआई ने रेपो दर में 135 आधार अंकों की कटौती की

(सेंट्रल छत्तीसगढ़) ब्यूरो रिपोर्ट


मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फरवरी 2019 के बाद से तरलता तनाव को कम करने और अर्थव्यवस्था में वित्तीय स्थिरता प्रदान करने के लिए रेपो दर में 250 आधार अंकों की कटौती की है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को बताया कि इस साल फरवरी में कोविड-19 की शुरुआत तक, आरबीआई ने रेपो दर में 135 आधार अंकों की कटौती की है.

7वें एसबीआई बैंकिंग और इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव में मुख्य भाषण देते हुए दास ने कहा, “हमने कोविड-19 को लेकर फरवरी 2019 से, संचयी आधार पर रेपो दर में 250 आधार अंकों की कटौती की. यह मुख्य रूप से विकास में मंदी से निपटने के लिए किया गया था, जो उस समय दिखाई दे रहा था और हमने एमपीसी में इसे विस्तृत रूप से छुआ था.”

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उन्होंने कहा, “पिछले 100 वर्षों में कोविड-19 सबसे खराब स्वास्थ्य और आर्थिक संकट है, जिसमें उत्पादन, नौकरी और कल्याण के लिए अभूतपूर्व नकारात्मक परिणाम हैं. इसने दुनिया भर में मौजूदा विश्व व्यवस्था, वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं, श्रम और पूंजी आंदोलनों को गति दी.”

दास ने कहा, “कोविड-19 महामारी शायद हमारी आर्थिक और वित्तीय प्रणाली की मजबूती और लचीलापन की सबसे बड़ी परीक्षा है.”

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि इससे गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) और बैंकों का पूंजी क्षरण हो सकता है.

(एएनआई)