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नई दिल्ली (सेंट्रल छत्तीसगढ़) : संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होगा. कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते प्रसार के मद्देनजर मानसून सत्र के आयोजन के दौरान विशेष एहतियात बरते जाएंगे. मानसून सत्र 18 दिन यानि एक अक्टूबर तक चलेगा. जानकारी के मुताबिक पूरे सत्र के दौरान सरकार की ओर से 23 विधेयक पेश किए जाने की योजना है. इसमें 11 ऐसे विधेयक भी हैं जो अध्यादेशों का स्थान लेंगे. इस सत्र के दौरान कुल 18 बैठकें होंगी. दोनों सदनों की कार्यवाही शनिवार और रविवार को भी होगी.
आज सत्र के पहले दिन लोकसभा की बैठक सुबह नौ बजे से एक बजे तक होगी. बाकी दिन राज्यसभा की कार्यवाही सुबह में चार घंटे होगी और लोकसभा की बैठक शाम में होगी.
आज राज्यसभा की कार्यवाही शाम तीन बजे शुरू होगी. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और मौजूदा तथा पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दिए जाने के साथ दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होगी. श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी जाएगी.
इसके बाद राज्यसभा में उपसभापति पद के लिए चुनाव होगा जबकि लोकसभा में ‘होम्यौपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक 2020’ और ‘भारतीय औषधि केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक 2020’ को रखा जाएगा.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार बीएससी द्वारा तय सभी मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार है और सभी दलों से सहयोग करने की अपील की. उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा गतिरोध मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए या नहीं इस पर विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक मंगलवार को होगी.
सूत्रों के मुताबिक सांसदों को कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के बाद ही संसद परिसर में प्रवेश दिया जाएगा. मानसून सत्र की बैठक में सांसदों के बीच उचित शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित किया जाएगा. इसके लिए दोनों सदनों की अलग-अलग बैठकें और सांसदों के लिए बड़े डिस्प्ले वाली स्क्रीन सहित अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं.
मानसून सत्र में सीमा पर गतिरोध, कोरोना वायरस महामारी से निपटने और आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दे छाए रहने की संभावना है. विपक्षी पार्टियां इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराना चाहती हैं, वहीं सरकार की नजर करीब दो दर्जन विधेयकों को पारित कराने पर है.
विपक्षी दल सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले विधेयकों में से चार का विरोध कर सकते हैं. ये चारों विधेयक कृषि क्षेत्र और बैंकिंग नियमन से जुड़े अध्यादेश का स्थान लेंगे.
विपक्षी दलों ने महामारी से निपटने, अर्थव्यवस्था की स्थिति और लद्दाख में सीमा पर चीनी आक्रामकता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरने का फैसला किया है.
अधिकारियों के मुताबिक उचित दूरी का पालन करने के लिए नई व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं. मसलन, सदस्यों के बैठने के लिए दोनों सदन कक्षों और दीर्घाओं का इस्तेमाल किए जाने की संभावना है. राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक सत्र की कार्यवाही के दौरान उच्च सदन के सदस्य दोनों सदन कक्षों और दीर्घाओं में बैठेंगे.
- आम तौर पर दोनों सदनों में एक साथ बैठकें होती हैं लेकिन, सूत्रों का कहना है कि इस बार असाधारण परिस्थिति के कारण एक सदन सुबह के समय बैठेगा और दूसरे की कार्यवाही शाम को होगी.
भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार इस तरह की व्यवस्था होगी, जहां 60 सदस्य सदन कक्ष में बैठेंगे और 51 सदस्य राज्यसभा की दीर्घाओं में बैठेंगे. इसके अलावा बाकी 132 सदस्य लोकसभा के सदन कक्ष में बैठेंगे.
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