अलर्ट : छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस के 15 मरीज, सरकार ने दिए ये बड़े निर्देश.

रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ में भी म्यूकस माइकोसिस बीमारी (Mucus Mycosis disease ) से पीड़ित मरीज मिल रहे हैं. रायपुर एम्स में इस बीमारी से पीड़ित 15 मरीजों का इलाज चल रहा है. इसे लेकर एम्स प्रबंधन एक बैठक भी करने वाला है. ETV भारत से डॉक्टर राकेश गुप्ता ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस से होने वाली बीमारी म्यूकस माइकोसिस से पीड़ित मरीज मिले हैं. कोरोना से ठीक होने वाले खासतौर पर डायबिटीज के पेशेंट (Diabetics) इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं.

सीएम ने दवा की कालाबाजारी को गंभीरता से लिया

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel ) ने प्रदेश में ब्लैक फंगस के संक्रमण से होने की जानकारी को गंभीरता से लिया है. उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिए निर्देश

वर्तमान में छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस का संक्रमण (Black fungus infection) होने की जानकारी प्राप्त हो रही है. जिसकी रोकथाम के लिए पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरसिन-बी औषधियों की आवश्यकता होती है. जिसकी नियमित और विधिवत् आपूर्ति किया जाना अतिआवश्यक है. मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद छत्तीसगढ़ के खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक ने सभी जिलों में पदस्थ औषधि निरीक्षकों को अपने जिलों में औषधि पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरेसिन-बी (समस्त डोसेज फॉर्म, टैबलेट, सिरप, इंजेक्शन एवं लाइपोसोमल इंजेक्शन) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

औषधि निरीक्षकों को निर्देश जारी

खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक (Controller of food and drug administration) ने औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र के अंदर सभी हॉलसेलर, स्टॉकिस्ट, सीएंडएफ से उक्त औषधियों की वर्तमान में उपलब्ध मात्रा की जानकारी हर रोज लें. औषधि निरीक्षक अपने क्षेत्र के सभी औषधि प्रतिष्ठानों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी करें.

म्यूकस माइकोसिस के लक्षण

नाक बंद हो जाना, नाक से खून जैसा काला तरल पदार्थ निकलना, आंखों में सूजन और दर्द , पलकों का गिरना, धुंधला दिखना, नाक के आस-पास काले धब्बे होना भी म्यूकस माइकोसिस के लक्षण हैं. यह संक्रमण दिमाग में और फेफड़ों में भी पहुंच जाता है ऐसे में कई बार सर्जरी तक करनी पड़ती है. कई बार दिमाग तक पहुंचने से रोकने के लिए मरीज की आंखें निकालने पड़ती हैं. कोरोना संक्रमण से उबरने के दो-तीन दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं. यह फंगल संक्रमण सबसे पहले साइनस में तब होता है और लगभग दो-चार दिनों में ये आंखों पर हमला करता है.