अम्बिकापुर: गार्बेज फ्री शहर अब ड्रोन वाटर हार्वेस्टिंग में भी होगा अव्वल, ट्रायल स्टार्ट

सरगुजा/अंबिकापुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) : स्वच्छता की जब भी बात आती है, प्रदेश में सबसे पहले अंबिकापुर शहर का नाम आता है. स्वच्छ शहर के रूप में ये जिला देशभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है. सॉलिड लिक्विड और वेस्ट मैनेजमेंट का फॉर्मूला सबसे पहले इस शहर में शुरू किया गया था. गार्बेज कैफे के साथ ही ये गार्बेज फ्री शहरों की लिस्ट में शुमार हो गया. अंबिकापुर नगर निगम स्वच्छता को लेकर नए-नए प्रयोग करता रहता है. इस दिशा में अब निगम जलस्तर को बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है. इसके लिए निगम शहर की नालियों के पानी को वॉटर हार्वेस्टिंग के जरिए उपयोग करेगा. इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है.

अंबिकापुर में ड्रेन वाटर हार्वेस्टिंग का ट्रायल शुरू हो गया है. शहर की नालियों में बहने वाले पानी का निपटारा करने और जमीन के जलस्तर को बढ़ाने के लिए निगम सराहनीय काम कर रहा है. इस नए हार्वेस्टिंग सिस्टम के सफल होने पर इसे पूरे शहर में बनाया जाएगा. लोगों के घरों का गंदा पानी जो अब तक नगर निगम की नालियों में जाता है और यहां से होते हुए सीधे नदियों में मिल जाता है, उसे भी अब जमीन के जलस्तर को बढ़ाने के लिए सोखता के उपयोग से जमीन में वापस भेजने का प्रयास किया जाएगा.

Drain water harvesting

ड्रेन वॉटर हार्वेस्टिंग

प्रोजेक्ट सफल होने पर दूर होगी पानी की समस्या

नगर निगम में एमआईसी सदस्य और श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद ने बताया कि जिस तेजी से अंबिकापुर शहर बढ़ रहा है, आने वाली पीढ़ी का भविष्य संकट में आ जाएगा. लिहाजा यहां का जलस्तर बना रहे, इसलिए इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि उपयोग में आने वाला पानी जमीन में ही जाकर दोबारा रिचार्ज हो सके और शहर में पानी का संकट न आए. अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो शहर की नई बसाहट वाले क्षेत्रों में नाली निर्माण की समस्या से भी निजात मिल जाएगी. लोगों के घरों के सामने ऐसे ड्रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बना दिए जायेंगे, जिससे उनके घरों के गंदे पानी की निकासी की समस्या भी खत्म हो जाएगी और सोखते में जाने वाले पानी से जलस्तर भी रिचार्ज होता रहेगा.

साकेत वर्मा की रिपोर्ट…!