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कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना : – प्रदेश मे नियमित शिक्षको की आवश्यकता लंबे समय से अनुभव की जाती रही है। शिक्षक भर्ती 2019 का विज्ञापन आने के पश्चात 17 माह और चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन के बाद 8 महीने बीत जाने के उपरान्त भी पदस्थापना नहीं हो सकी है। इस शिक्षक भर्ती में कुछ प्रक्रियाएँ अभी भी शेष हैं, जिसके कारण सभी 14580 अभ्यर्थियों की चिंता बढ़ गई है। इस विषय पर शासन द्वारा भी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही है।
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जिला संयोजक भूपेन्द्र साहू द्वारा कहा गया कि सरकार कोरोना काल में अन्य सभी कार्य कर रही है, जैसे-जिसमें संविदा शिक्षकों की भर्ती, संविलियन, स्थानांतरण आदि तो इनके साथ-साथ शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया भी आगे पूरी क्यों नहीं की जा रही है? और शिक्षक भर्ती के विषय पर ही आर्थिक संकट का बहाना करती है जबकि इसे पिछले सत्र के बजट में ही शासन द्वारा स्वीकृत किया जा चुका है ।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आग्रह किया कि शिक्षक-अभ्यर्थियों और विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षक भर्ती 2019 की पदस्थापना संबंधी इस प्रक्रिया को शीघ्रातिशीघ्र आगे बढ़ाने के लिए यथोचित निर्णय ले अन्यथा परिषद् आन्दोलन हेतु सन्नद्ध रहेगी ।।
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