अंबिकापुर: निजी स्कूलों की मनमानी, फीस नही देने पर परीक्षा से कर देंगे वंचित..

अंबिकापुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) शांतनु सिंह : प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है. कभी ऑनलाइन क्लास के नाम पर तो कभी बच्चों की फीस जमा करने के नाम पर अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है. ऐसे में अब अभिभावक संघ ने फीस के लिए दबाव बनाने और परीक्षा से वंचित करने का नोटिस देने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पुलिस को ज्ञापन सौंपा है. संघ ने स्कूल प्रबंधन पर अनावश्यक दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए अपनी शिकायत दर्ज कराई है.

कोरोना काल में स्कूलों पर ताले लटके हुए हैं. मार्च महीने से स्कूलों में पढ़ाई बन्द है और बच्चों को निजी स्कूल मोबाइल फोन के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं. इस ऑनलाइन क्लास के चक्कर में अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है. इधर संक्रमण काल में कई लोग बेरोजगार हुए हैं, तो बड़ी संख्या में लोगों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है और उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. अभिभावकों की परेशानी को लेकर अभिभावक संघ गांधीनगर थाने पहुंचा था, जहां उसने एक निजी स्कूल पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि पालकों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है, ऐसे में स्कूल प्रबंधन बच्चों की फीस जमा करने को लेकर परिजन पर दबाव बना रहा है. स्कूल उन्हें धमकी भरे नोटिस भेज रहा है, जिसमें बच्चों की फीस नहीं जमा करने पर उन्हें परीक्षा से वंचित किए जाने की बात लिखी हुई है.

स्कूल के खिलाफ FIR की मांग

अभिभावक संघ का कहना है कि इस तरह फीस जमा करने के लिए दबाव बनाना प्रताड़ना की श्रेणी में आता है और सीधे तौर पर धमकी है. संघ ने इसकी शिकायत गांधीनगर थाने में करने के साथ ही स्कूल प्रबंधन के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है. हालांकि अभिभावकों की शिकायत के बाद टीआई के निर्देश पर स्कूल प्रबंधन के लोग भी थाने में पहुंचे थे और टीआई ने उन्हें संशोधित आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं.

लंबे समय से चल रहा विवाद

कोरोना काल में स्कूलों में ऑनलाइन क्लास के बाद अभिभावकों से फीस वसूली को लेकर विवाद लंबे समय से चल रहा है. पहले भी कई स्कूल प्रबंधन ने फीस में बेतहाशा वृद्धि कर वसूली की थी और विरोध के बाद स्कूल प्रबंधन को फीस वृद्धि का निर्णय वापस लेना पड़ा था. इसके साथ ही फीस जमा करने के लिए दबाव बनाने को लेकर भी कई बार विवाद की स्थिति निर्मित हुई है और इसकी शिकायत करने के साथ ही अभिभावक संघ ने विरोध-प्रदर्शन भी किए, लेकिन इसका असर स्कूल प्रबंधन पर नहीं हुआ.