कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) पाली :- इन दिनों विघुत विभाग की मनमानी किसी से छुपा नही रह गया है।रोजाना किसी ना किसी बहाने विघुत की आपूर्ति लंबे टाइम के लिए बधित किया जाना आम बात हो गया है।कभी मेंटनेंस तो कभी फाल्ट सुधार कार्य के नाम पर नित बिजली गुल होना समझ से परे है।माह भर पूर्व विघुत लाईन आवश्यक सुधार एवं मेंटनेंस कार्य के नाम पर विघुत आपूर्ति बधित किया जाता रहा है।फिर तमाम सुधार कार्य के बाद भी फाल्ट जैसी समस्या आखिर क्यों..?ग्रामीण एवं वनांचल क्षेत्रों में तो हालात और भी दयनीय है जहां कई दिनों तक बिजली के दर्शन ही नही होते और ग्रामीण लालटेन या दीप की रौशनी के सहारे रात गुजारने मजबूर रहते है।विघुत की समस्या मामले में जेई को फोन लगाने पर वे फोन नही उठाते और कर्मचारी है जिनका रटा रटाया जवाब यह रहता है कि मेंटनेंस कार्य चल रहा है या अमुक स्थान पर फाल्ट आ गया है।इस तरह के हालात के बीच बिजली व्यवस्था दिनोदिन बिगड़ती ही चली जा रही है।वर्तमान बारिश का समय है जिसके कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है तथा उमस भरे मौसम के बीच जमीन पर रेंगने वाले जहरीले जीव जंतुओं का खतरा भी लगातार बढ़ गया है और यह खतरा ग्रामीण इलाकों में अधिक है।जहां कई कई दिनों तक विघुत आपूर्ति बधित रहने से रात्रिकाल में विषैले जीव जंतुओं के काटने का ग्रामीणों में भय बना रहता है।स्थानीय पाली में भी रात्रिकालीन विघुत सेवा के लचर व्यवस्था के बीच अंधेर नगरी-चौपट राजा की तर्ज पर चल रहे विभाग पर लगता है किसी का लगाम नही है।जिसके कारण उक्त विभाग अपनी मनमानी पर उतारू है।जिससे विघुत उपभोक्ताओं का आक्रोश चरम पर पहुँच गया है।ऐसे में यदि स्थानीय पाली सहित ग्रामीण क्षेत्रों की लचर विघुत व्यवस्था पर सुधार नही किया गया तो लोगों का गुस्सा कभी भी विस्फोटक साबित हो सकता है।जिसका खामियाजा विघुत विभाग को भुगतना पडेगा।
व्यूरो रिपोर्ट की रिपोर्ट….