कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- 15वें वित्त आयोग की राशि का आहरण रोके जाने से गुस्साए कोरबा जनपद के अध्यक्ष और सदस्यों ने कार्यालय के दरवाजे पर ताला जड़ दिया। इससे जनपद पंचायत सीईओ समेत अधिकारी व कर्मचारी कार्यालय में ही कैद हो गए हैं।
कोरबा जिले में ब्यूरोक्रेसी इस कदर हावी है कि जनपद पंचायत के सदस्यों को अपने ही कार्यालय में ताला बंद करना पड़ा। जनपद पंचायत अध्यक्ष हरेश कंवर ने बताया कि 15वें वित्त की राशि पंचायतों को आबंटित नहीं की जा रही है। जिला पंचायत के स्तर से इसे रोक कर रखा गया है। इसके कारण पंचायतों के कामकाज पर असर पड़ रहा है। अध्यक्ष का आरोप है कि अधिकारी किसी की बात नहीं सुन रहे हैं ऐसे में उनके निर्वाचित होने का क्या औचित्य है।
भाजपा विधायक ननकी राम कंवर की शिकायत का असर
कोरबा जिले के रामपुर क्षेत्र के विधायक ननकीराम कँवर ने पिछले दिनों शिकायत की थी कि जनपद पंचायत कोरबा की सामान्य सभा 05 जून 2021 को आयोजित की गई थी, मगर तब इस बैठक का सभी सदस्यों ने सामूहिक बहिष्कार कर दिया था। ऐसे में बाद में जनपद कार्यालय के बाबुओं ने सदस्यों के घर-घर जाकर बैठक रजिस्टर में हस्ताक्षर करा लिया और कुछ सदस्यों का फर्जी हस्ताक्षर भी कर दिया। ऐसा करके जनपद विकास निधि एवं 15वें वित्त आयोग वर्ष – 2020-21 के प्रस्ताव का अनुमोदन फर्जी तरीके से करा लिया गया।
ननकी राम कंवर ने इस मामले की शिकायत करते हुए जाँच और कार्रवाई करने की मांग जिला पंचायत के CEO से की थी। इसी के बाद CEO ने फंड का आबंटन रोक दिया।
अध्यक्ष ने शिकायत को बताया फर्जी
इस मामले में जनपद अध्यक्ष हरेश कँवर ने CEO जिला पंचायत को पत्र लिखकर भाजपा विधायक ननकी राम कंवर के पत्र को ही फर्जी करार दिया। हरेश कंवर ने लिखा है कि सामान्य सभा के बहिष्कार के बाद उनके अनुरोध पर सारे सदस्य बैठक में उपस्थित हुए और विधिवत ढंग से सारी कार्यवाही हुई है। इसमें कुछ भी गलत नहीं हुआ है।
बहरहाल समाचार लिखे जाने तक जनपद पंचायत कोरबा के मुख्य गेट पर ताला लटका रहा और अध्यक्ष तथा सभी सदस्य बाहर बैठे रहे। इस मामले में कोरबा जनपद के CEO राधेश्याम मिर्झा का कहना है कि कुछ तकनिकी वजह से 15 वें वित्त की राशि रोकी गई है, सदस्यों को कुछ इंतजार करने को कहा गया था मगर वे नहीं माने और आज उन्होंने जनपद में ताला जड़ दिया है।