पामगढ़ के व्यासनगर क्वॉरेंटाइन सेंटर में एक दुधमुंही बच्ची की मौत हो गई है.

जांजगीर-चांपा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : पामगढ़ के व्यासनगर क्वॉरेंटाइन सेंटर में शुक्रवार सुबह दुधमुंही बच्ची की मौत हो गई है. मौत की कारणों का अबतक पता नहीं चल पाया है. मौत की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची मेडिकल टीम ने बच्ची और परिजनों का रैपिड टेस्ट किया था, जो नेगेटिव आया है.

मिली जानकारी के मुताबिक सुबह दूध पिलाते वक्त एक माह की बच्ची कि अचानक मौत हो गई. मौके पर पहुंची मेडिकल टीम ने रैपिड किट से परिजनों और मृत बच्ची का कोरोना टेस्ट किया है, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है.

कानपुर के ईंट भट्ठे में करता था काम

14 जून को कानपुर से वापस लौटे धर्मेंद्र केंवट अपने परिवार के साथ यहां रह रहे थे. यह परिवार पामगढ़ क्षेत्र के धरदेई का रहने वाला है और कानपुर के ईंट भट्ठे में काम करता था, जो कोरोना संक्रमण की वजह से वापस अपने घर लौट आया था.

मौत का कारण अज्ञात

14 जून को क्वॉरेंटाइन किए जाने के बाद ब्यासनगर में इन्हें रखा गया था. आज तड़के अचानक बच्ची दूध पीने के दौरान हिचकी आई और मौत हो गई इस बारे में फोन पर जानकारी देते हुए बीएमओ डॉ सौरभ यादव ने कहां कि बच्ची का मेडिकल टेस्ट किया गया है, लेकिन मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है.

इससे पहले भी बलौदाबाजार के बिलाईगढ़ ब्लॉक के क्वॉरेंटाइन सेंटर में 65 साल के बुजर्ग की मौत हो गई है . पुरगांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में बुजुर्ग मजदूर को रखा गया था. 14 जून को बुजुर्ग बाहर से आया था, जिसके बाद उसे क्वॉरेंटाइन में रखा गया था. बिलाईगढ़ के बीएमओ सुरेन्द्र खुटे ने इस बात की पुष्टि की है.

मुंगेली क्वॉरेंटाइन सेंटर में 12 साल की बच्ची की

प्रदेशभर में क्वॉरेंटाइन सेंटर लगातार मौत के मामले सामने आ रहे हैं. हाल ही में मुंगेली के बावली गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में 12 साल की बच्ची की मौत हो गई. परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया था. बताया जा रहा है, बच्ची की तबीयत पिछले तीन दिनों से खराब थी, जिसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई थी, लेकिन सूचना के बाद भी स्वास्थ्य विभाग का कोई शख्स उसे देखने नहीं आया. जिसके बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया.

रतनपुर क्वॉरेंटाइन सेंटर में बुजुर्ग की मौत

वहीं रतनपुर नगर के शासकीय महामाया कॉलेज के क्वॉरेंटाइन सेंटर में लखनऊ से आए एक बुजुर्ग की मौत हो गई. इस संबंध में बताया जा रहा है कि बुजुर्ग जागेश्वर यादव मानिक चौरी मस्तूरी का निवासी है, जो कि अपने दो बेटों के साथ लखनऊ के ईटा भट्ठा में कमाने खाने के लिए गया हुआ था. कोरोना संक्रमण के कारण पूरे देश को लॉकडाउन किया गया था, जिसके चलते वह अपने घर आने के लिए निकला. लेकिन कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन की वजह से वह अपने घर नहीं जा सका.

साकेत वर्मा की रिपोट….