रायपुर ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : – दीपों का पर्व दीपावली मां लक्ष्मी की पूजन का दिन होता है.इस दिन भले ही अमावस हो, लेकिन पूरी रात दीपों से जगमग करती है. वहीं, इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लोग पूजा-अर्चना के साथ विशेष मंत्रों का जाप करते हैं.
पूजा का विधानकहते हैं कि मंत्रों की एक विशेष तरंग होती है. जिनके माध्यम से भक्तजनों की पुकार महालक्ष्मी तक पहुंचती है. महालक्ष्मी को कमल बहुत ही प्रिय है. कमल उनका मुख्य आसन है. कमल के ही आलय पर महालक्ष्मी निवास करती है.
मां लक्ष्मी की पूजा में आरती की थाली में इन वस्तुओं को करें शामिलइन मंत्रों का करें जाप
ओम महालक्ष्मी नमःओम विद्या लक्ष्मी नमःओम सत्य लक्ष्मी नमःओम योग लक्ष्मी नमःओम कमलाये नमःओम भुवनेश्वरी नमःश्रीम कमले कमलाये प्रसीद प्रसीदश्री श्री श्री ओम महालक्ष्मी नमःओम महालक्ष्मी विद्महे विष्णु पत्नी धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात
यह मंत्र गायत्री लक्ष्मी मंत्र माना गया है. ऐसी मान्यता है कि ऐसे मंत्र के जाप करने से माता गायत्री और माता श्री महालक्ष्मी का विशेष अनुग्रह भक्तों को प्राप्त होता है.मिलता है ये लाभइन मंत्रों के आस्था एवं श्रद्धापूर्वक पाठ करने पर घर में सुख-शांति समृद्धि ऐश्वर्य कीर्ति यस व प्रतिष्ठा का आगमन होता है. यदि कोई व्यक्ति धन की कमी से जूझ रहा हो, तो इन मंत्रों का यथासंभव पाठ करें. दिवाली के दिन इन महान मंत्रों के जाप से लक्ष्मी का आगमन शीघ्र होता है. जो लोग हमेशा आर्थिक रूप से तंगी से ग्रसित हैं. ऐसे जातकों को विष्णु प्रिया महालक्ष्मी माता को कमल का फूल चढ़ाना चाहिए. साथ ही कमलगट्टे की माला से इन मंत्रों का पाठ करने से निश्चित ही श्री का आशीष प्राप्त होता है. चंदन आदि की माला से भी इन दिव्य मंत्रों का पाठ किया जा सकता है. हवन करते समय हवन सामग्री में कमल गट्टा और कमल के पंखुड़ियों को घी में मिलाकर यज्ञ करना चाहिए. ध्यान रहे मंत्र का उच्चारण शुद्ध और सटीक होना चाहिए.