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डोंगरगांव (सेंट्रल छत्तीसगढ़) : शहर में एलपीजी गैस रिफिलिंग के लिए नकद भुगतान नहीं लेने के खिलाफ उपभोक्ताओं ने विरोध जताया है. इसे लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने डोंगरगांव के एसडीएम से इसकी शिकायत की है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों का कहना है कि एजेंसी संचालक एलपीजी गैस रिफिलिंग के लिए नकद लेने से मना कर रहे हैं. एजेंसी संचालक उपभोक्ताओं से ऑनलाइन भुगतान की मांग करते हैं, ऐसे में उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों का कहना है कि कई उपभोक्ता साधनविहीन और अशिक्षित भी हैं, जिनके पास न तो मोबाइल है न ही वे इतने शिक्षित हैं कि ऑनलाइन भुगतान कर सकें. ऐसे में उन्हें ऑनलाइन भुगतान करने के लिए 20 से 30 रुपये ज्यादा देने पड़ रहे हैं. जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी के साथ आर्थिक नुकसान भी हो रहा है.
कैशलेश भुगतान से हॉकर और उपभोक्ता सुरक्षित
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने ऑनलाइन भुगतान को बंद कर ऐसे उपभोक्ताओं के लिए ऑफलाइन भुगतान की सुविधा की मांग की है. हालांकि ऑनलाइन भुगतान को लेकर एजेंसी संचालक का अपना ही तर्क है. एचपी गैस एजेंसी के संचालक चिंतामणी नेताम कहते हैं, कोरोना के दौरान नकद व्यवहार से संक्रमण का खतरा उपभोक्ता और हॉकर दोनों को है. जबकि डिजिटल पेमेंट से सभी के लिए सुरक्षित हैं.
इसके अलावा शासन-प्रशासन का मुख्य उद्देश्य भी कैशलेश व्यवहार को बढ़ाना है. नेताम बताते हैं, गैस रिफिलिंग के लिए एक-एक उपभोक्ता एक से अधिक कार्ड लेकर एजेंसी पहुंच रहे हैं, ऐसे में फर्जी उपभोक्ताओं की पहचान मुश्किल हो रहा है, लेकिन ऑनलाइन ट्रांजक्शन से उपभोक्ताओं की जानकारी और डिलिवरी रिपोर्ट मोबाइल के माध्यम से मिल जाती है. जो एजेंसी और उपभोक्ता दोनों के लिए बेहतर है.
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