कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- प्रशासन के सख्त रवैया के बावजूद भी रेत की अवैध निकासी हो रही है. वहीं खनिज विभाग को जानकारी दिए जाने के बाद भी अबतक रेत निकासी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सका है. हालांकि कुछ नदियों से रेत खदान लीज पर संचालित है, लेकिन कई नदी नालों मे अवैध तरीके से रेत की निकासी की जाती है. साथ ही कोरबा जिले के अमरेली गांव के सोन नदी के सभी सहायक छोटे नालों से रेत खनन कर परिवहन किया जाता है.
दिन-रात हो रही अवैध खननदिन और रात हो रही रेत की निकासीसोन नदी के अंतर्गत खरवानी और अमरेली घाट से लगातार रेत की निकासी दिन और रात में किया जाता है. ग्रामीणों के अनुसार यहां प्रतिदिन लगभग आधा दर्जन गाड़ियां लगती है. साथ ही रेत का खनन कर परिवहन किया जाता है. वहीं परिवहन पर खनिज विभाग अंकुश नहीं लगा पा रही है. रेत कारोबारियों को अवैध तरीके से रेत का खनन कर उसे महंगे दामों पर विक्रय किया जाना है. जानकारी अनुसार रेत को ट्रैक्टर संचालक 15 सौ रुपए में विक्रय करते हैं. वहीं दूरी ज्यादा हुई तो 2 हजार तक भी ले लिया जाता है. जिससे रेत कारोबारी और मालामाल हो रहे हैं. वहीं शासन को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है.पढ़ें- बलरामपुरः गिट्टी का अवैध परिवहन करते पांच हाइवा जब्त
शाम को 7 बजे के बाद लगती है गाड़ियां
सुबह पांच बजे गाड़ियां नदी में उतरती है जहां मजदूरों द्वारा आनन-फानन में रेत खनन कर तैयार रखा जाता है. गाड़ियां लगते ही उनपर लोड कर तुरंत विक्रय के लिए भेज दिया जाता है. गाड़ियां लौटने तक मजदूर पुनः रेत खनन कर एकत्र कर लेते हैं. और जैसे ही गाड़ी वापस आती है तुरंत दूसरे ट्रिप के लिए भी रेत लोड करते हैं. वहीं इसी तरह से दर्जनों ट्रिप अवैध रेत की निकासी की जाती है.साथ ही खनिज विभाग के अधिकारी कैमरे के सामने आने से बच रहे हैं.