कोरबा/पाली ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र के तत्कालिक एकमात्र कॉलेज बीडीएम महाविद्यालय पाली के अस्तित्व पर संकट मँडरा रहा है। पाली व्यवहार न्यायालय हेतु उक्त भवन और जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। पूर्व छात्रों व काँग्रेसज़नौ ने इसका विरोध किया है।
विकासखंड मुख्यालय पाली में व्यवहार न्यायालय का संचालन वर्तमान में उधारी के भवन में चल रहा है। इस कोर्ट के भवन के लिए जमीन की तलाश पिछले एक दशक से चल रही थी। पाली मुख्यालय में जगह नहीं मिलने पर पोड़ी में जगह तलाश की गई थी लेकिन सामुदायिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए चयनित स्थल को लेकर ग्रामीणों की आपत्ति दर्ज होने के बाद एक बार पुनः पाली में भूमि की तलाश हुई। पाली में ही व्यवहार न्यायालय की स्थापना हो यह पूरे नगर के लिए गौरव की बात है वही पाली केंद्र बिंदु पर है सभी गांवों के लिए आवागमन का साधन भी है।
वर्तमान में स्टेडियम के बाजू में स्थित शासकीय भूमि जिसमें कई लोगों के आवास व कब्जे हैं तथा बीडीएम कॉलेज के भवन और भूमि को चयनित किया गया है। इसके लिए विधिवत प्रक्रिया पूरी की गई दावा आपत्ति मंगाई गई थी। आपत्ति भी हुई लेकिन अपर्याप्त दस्तावेज के कारण खारिज कर दिए जाने से कोर्ट के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ. इसमें नगर पंचायत पाली के द्वारा भी अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया जो एक बड़ा आधार बना और कलेक्टर कोरबा ने बीडीएम कॉलेज की उक्त भवन और उसकी भूमि तथा आसपास अवैध कब्जे की भूमि को व्यवहार न्यायालय के लिए आरक्षित कर दिया है। अब इसे लेकर विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। स्टेडियम के आसपास वर्षों से काबिज लोगों ने आदेश का विरोध किया है वही कांग्रेस जनों, नागरिकों और पूर्व छात्रों ने जिलाधीश से BDM कॉलेज भवन को अधिग्रहण से मुक्त रखने की मांग को लेकर पत्र प्रेषित किया है।
BDM कालेज का 25 वर्ष से संचालन..
लगभग ढाई दशक पूर्व पाली तानाखार विधान सभा में उच्च शिक्षा के लिए एक भी कॉलेज नहीं था. इसके लिए शासकीय कॉलेज की स्थापना की लगातार मांग किया गया, लेकिन प्रशासन के अनसुना किए जाने के कारण क्षेत्र के आदिवासी बच्चों विशेषकर छात्राओं को 12 वी के बाद पढ़ाई बंद करनी पड़ रही थी। उच्च शिक्षा की जरूरत को देखते हुए सांसद प्रतिनिधि प्रशांत मिश्रा ने पाली में बीडीएम कॉलेज का संचालन शुरू किया। कॉलेज के आरंभ हो जाने से क्षेत्र के युवा विशेष कर आदिवासी वर्ग की छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा का मार्ग प्रशस्त हुआ और बड़ी संख्या में स्नातक की बीए, बीएससी, बीकॉम की पढ़ाई होने लगी। इतना ही नहीं यहां परीक्षा केंद्र की भी स्थापना हुई थी। छात्रवृत्ति के जरिए आरक्षित वर्ग के बच्चों को निशुल्क शिक्षा भी दी जा रही थी। पाली में शासकीय महाविद्यालय खुलने से और करोना काल के बाद बीडीएम कॉलेज के प्रति युवाओं का रुझान कम हुआ और प्रवेश कम होता गया। लेकिन आज भी यूनिवर्सिटी के वेबसाइट, पोर्टल और रेकॉर्ड मे कॉलेज नियमित है। विधानसभा क्षेत्र के पहले महाविद्यालय को पुनर्जीवित करने की जरुरत है, इसके लिए प्रयास होने चाहिए ना कि अस्तित्व मिटाने की।
बिसाहू दास महंत कॉलेज पाली की जगह पर कोर्ट भवन के लिए जमीन अधिग्रहण करने के मामले में नगर पंचायत पाली ने जमीन अधिग्रहण के लिए एनओसी दी है, ना कि बीडीएम भवन की। नगर पंचायत पाली अध्यक्ष उमेश चंद्रा ने बताया कि पाली में व्यवहार न्यायालय के लिए भवन अपरिहार्य है और कोर्ट भवन बन जाने के बाद यहां के आसपास लोगों को न्याय का मंदिर मिल पाएगा, लेकिन पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र का पहला कॉलेज का अस्तित्व भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि जनसरोकार से जुड़े होने के कारण कोर्ट भवन बनना जरूरी है। नगर पंचायत क्षेत्र में आने के कारण प्रशासन को एनओसी जरूरी थी, हमने जमीन के लिए एनओसी दी है, ताकि कोर्ट भवन का मार्ग प्रशस्त हो सके। उन्होंने बताया कि पाली एसडीएम से निवेदन किया गया है कि बीडीएम कॉलेज भवन को छोड़ दिया जाए, बाकी पर्याप्त जगह में कोर्ट भवन बनाया जाए। उन्होंने बताया कि वैसे भी उक्त खसरा नंबर वाली जमीन नगर पंचायत की नहीं, बल्कि राजस्व जमीन है।