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सेन्ट्रल छत्तीसगढ़/ आशुतोष शर्मा
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी ने दिल्ली के एम्स में गुरुवार को अंतिम सांसें ली। इससे पहले गुरुवार को जारी उनके मेडिकल बुलेटिन में उनकी स्थिति नाजुक बताई गई थी। आज सुबह से ही एम्स में भाजपा नेताओं और मंत्रियों का आना शुरू हो गया था।
देश के प्रखर वक्त के रूप में अपनी पहचान बना चुके बाजपेयी ने 1996 में प्रधानमंत्री पद की पहली बार शपथ ली थी लेकिन यह सरकार सिर्फ 13 दिन चली थी। इसके बाद 1998 में दुबारा प्रधानमंत्री बने और सरकार 13 महीने चली। फिर 1999 में दुबारा आम चुनाव हुआ और उन्होंने एक कार्यकाल पूरा किया। लेकिन इसके बाद बाजपेई की स्वास्थ्य गिरती चली गयी और उन्होंने राजनीतिक कार्यक्रमों से किनारा कर लिया था। अभी हाल ही में बाजपेयी को एम्स में भर्ती कराया गया था तब भी राहुल गांधी, प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह वहां पहुंचे थे।
गुरुवार को 10.30 से ही एम्स में हलचल शुरू हो गयी थी। ग्वालियर से उनके सभी रिश्तेदारों को बुला लिया गया था। सुबह से ही भाजपा नेताओं ने अपने तमाम कार्यक्रम निरस्त कर दिए थे।
छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में यदि कहें तो यही कहा जा सकता है की बाजपेयी ने छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड राज्य का निर्माण अपने वादे के मुताबिक बिना किसी बड़े आन्दोलन के की थी यही कारण है इन तीनों राज्यों में भाजपा मजबूत हुई थी।
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