अंबिकापुर जिले के वन परिक्षेत्र उदयपुर में 7 हाथियों का आंतक अभी जारी है. पिछले कई दिनों से हाथियों का उत्पाद मचा रहा है. रविवार रात को भी हाथियों के दल ने एनएच 130 में घर और वाहनों में तोड़फोड़ किया है.

अंबिकापुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) शांतनु सिंह : उदयपुर क्षेत्र में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार रात हाथी जंगल से निकलकर एनएच 130 पर पहुंच गए. इस दौरान रास्ते से गुजर रहे लोगों ने हाथी की दल देख को कर किसी तरह अपनी जान बचाई. भागने के दौरान लोगों के बाइक और स्कूटी एनएच की सड़क पर छूट गए, जिन्हें हाथियों ने तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया.

इसके अलावा हाथियों ने एक मकान को क्षतिग्रस्त करने के साथ ही धान की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है. हालात ये है कि रात को ग्रामीण दूसरों के घर की छतों, सामुदायिक भवनों में शरण लेकर अपनी जान बचा रहे हैं.

राहगीरों के वाहन को पहुंचाया नुकसान

दरअसल वन परिक्षेत्र उदयपुर में 7 हाथियों का दल लगभग एक माह से डटा हुआ है. हाथी करम कठरा जंगल से होते हुए क्षेत्र में प्रवेश किए थे और उसके बाद से लगातार जंगल से निकलकर बस्तियों में उत्पात मचा रहे हैं. रविवार रात भी हाथियों का दल जजगी, अलकापुरी और जजगा में जमकर उत्पात मचाया. रात को हाथियों का दल अंबिकापुर-बिलासपुर मार्ग (एनएच 130) पर निकल आया. हाथियों को एनएच पर घूमता देख राहगीरों में हड़कंप मच गया. अपनी जान बचाने के लिए बाइक सहित अन्य सवारों ने वाहनों को सड़क पर छोड़कर अपनी जान बचाई. अच्छी बात यह रही कि लोग हाथी के चपेट में नहीं आए, लेकिन हाथियों का दल ने गाड़ियों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया.

घर में घूसा हाथी

हाथियों का दल जजगी से निकलकर रेण नदी को पार करते हुए धान के खेतों में पहुंच गया, जहां हाथियों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया. लोगों द्वारा शोर मचाने पर हाथी एनएच 130 के बगल में स्थित रामपुरहिन दाई मंदिर के समीप स्थित एक कच्चे मकान के पास पहुंच गए. इस दौरान मकान में मौजूद बुजुर्ग महिला और ग्रामीणों ने भागकर अपनी जान बचाई. हाथियों ने घर को नुकसान पहुंचाने के साथ ही वहां रखे भोजन और अनाज को खा लिया.

दहशत के साए में गुजर रही रात

हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. हाथी के बस्ती में आने पर ग्रामीण अपने घरों से निकलकर दूसरे पक्के मकानों में रात गुजारने को मजबूर है. लगातार हो रहे नुकसान से लोगों में आक्रोश भी है. हाथियों का दल फिलहाल जजगी जंगल में डटा हुआ है.

कभी भी हो सकती है बड़ी घटना

गांव में हाथियों के आने पर वन विभाग के साथ ग्रामीण भी उन्हें खदेड़ने के लिए निकल पड़ते है. ग्रामीण टॉर्च की रोशनी और शोर मचाकर हाथियों को चारों दिशाओं से दौड़ाते है. ऐसे में हाथी उग्र हो जाते है. ऐसी स्थिति में कभी भी बड़ी घटना हो सकती है. हालांकि वन विभाग लोगों को हाथियों से दूर रहने की समझाइश देकर मुनादी करा रहा है, लेकिन लोगों पर इसका कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है.